नमस्ते! मैं आज आपको ई-वे बिल (E-Way Bill) बनाने की पूरी प्रक्रिया विस्तार से समझाऊंगा। यह E-Way Bill क्यों जरूरी है, कौन इसे बना सकता है, और स्टेप बाय स्टेप गाइड के साथ इसे कैसे जेनरेट करें और इससे जुड़े नियम क्या हैं. पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
E-Way Bill बिल का फुल फॉर्म इलेक्ट्रॉनिक वे बिल (Electronic Way Bill) है । यह एक डिजिटल डॉक्यूमेंट है जो सरकार को माल की आवाजाही (Goods Transportation) की जानकारी देता है। जब भी ₹50,000 या उससे अधिक मूल्य का माल एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया जाता है, तो ई-वे बिल बनाना कानूनी रूप से अनिवार्य है। यह E-Way Bill ही सुनिश्चित करता है कि माल की आवाजाही पारदर्शी तरीके से हो रही है और किसी भी तरह की टैक्स चोरी नहीं हो रही है।
E-Way Bill क्या है और कब जरूरी होता है?
E-Way Bill बिल एक इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट है जो माल की आवाजाही (ट्रांसपोर्ट) के दौरान जीएसटी विभाग को सूचित करता है। E-Way Bill जरूरी कब होता है?
- जब आप माल किसी ग्राहक को बेचकर भेजते हैं।
- अपने ही व्यवसाय के दूसरे गोदाम या ब्रांच में माल भेजने पर।
- माल किसी कारीगर या यूनिट को भेजकर उसे तैयार कराने पर।
- ग्राहक से माल वापस लेने या जॉब वर्क से माल वापस आने पर।
- जब माल की वैल्यू ₹50,000 या उससे अधिक हो।
- यह बिल ट्रांसपोर्ट के दौरान साथ रखना अनिवार्य है।
E-Way Bill कौन बना सकता है?
- सेलर (विक्रेता): जो माल बेच रहा है।
- बायर (खरीदार): जो माल खरीद रहा है।
- ट्रांसपोर्टर (परिवहनकर्ता): जो माल ढो रहा है।
नोट:
- अगर सेलर या बायर बिल नहीं बना पाते, तो ट्रांसपोर्टर इसे जेनरेट कर सकता है।
- अगर विक्रेता अनरजिस्टर्ड (GST नहीं लगाता) है, तो खरीदार को ई-वे बिल बनाना होगा।
- अगर दोनों (विक्रेता और खरीदार) अनरजिस्टर्ड हैं, तो ई-वे बिल बनाना संभव नहीं है।
ई-वे बिल की वैधता (Validity)
ई-वे बिल की वैधता दूरी के आधार पर तय होती है:
दूरी | वैधता अवधि |
---|---|
100 किमी तक | 1 दिन |
100-300 किमी | 3 दिन |
300-500 किमी | 5 दिन |
500 किमी से अधिक | प्रत्येक 100 किमी पर 1 अतिरिक्त दिन |
नोट: वैधता अवधि बढ़ाने के लिए ई-वे बिल पोर्टल पर “Extend Validity” का विकल्प उपलब्ध है।
E-Way Bill बिल बनाने की पूरी प्रक्रिया
स्टेप 1: E-Way Bill पोर्टल पर लॉगिन करें
- गूगल पर “E-Way Bill लॉगिन” सर्च करें।
- ऑफिशियल पोर्टल https://ewaybillgst.gov.in पर जाएँ।
- अपना यूजर आईडी (GST नंबर) और पासवर्ड डालकर लॉगिन करें।
स्टेप 2: डैशबोर्ड से E-Way Bill जेनरेट करें
- लॉगिन के बाद, “Generate New” या “Generate E-Way Bill” का ऑप्शन चुनें।
- अब आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा। पार्ट A और पार्ट B भरें:
- पार्ट A: विक्रेता, खरीदार, माल का विवरण (HSN कोड, मात्रा, मूल्य, टैक्स रेट)।
- पार्ट B: ट्रांसपोर्ट डिटेल्स (वाहन नंबर, ट्रांसपोर्ट मोड)।
स्टेप 3: पार्टी और प्रोडक्ट डिटेल्स भरें
- सेलर और बायर की डिटेल्स:
- नाम, पता, और जीएसटी नंबर दर्ज करें।
- प्रोडक्ट की जानकारी:
- प्रोडक्ट का नाम, HSN कोड (अगर नहीं पता तो गूगल पर सर्च करें), मात्रा, और यूनिट।
- टैक्स रेट (जैसे 5%, 12%, 18%) सही-सही डालें।
नोट: HSN कोड 6 या 8 अंकों का होता है, जो प्रोडक्ट के प्रकार को दर्शाता है।
स्टेप 4: ट्रांसपोर्ट डिटेल्स डालें
- ट्रांसपोर्ट मोड:
- रोड, रेल, एयर, या शिप में से चुनें।
- वाहन नंबर:
- अगर ट्रांसपोर्ट रोड से है, तो वाहन का नंबर डालें।
स्टेप 5: सबमिट करें और E-Way Bill डाउनलोड करें
- सभी डिटेल्स चेक करने के बाद “Submit” बटन दबाएँ।
- E-Way Bill बिल जेनरेट हो जाएगा। इसे PDF फॉर्मेट में डाउनलोड करें और प्रिंट कर लें।
कॉमन इश्यूज और समाधान
- वैलिडेशन एरर:
- अगर डिटेल्स गलत भरी हैं, तो पोर्टल एक एरर मैसेज दिखाएगा।
- HSN कोड नहीं पता:
- गूगल पर “HSN Code for [प्रोडक्ट नाम]” सर्च करें।
ई-वे बिल के फायदे
- पारदर्शिता: माल की आवाजाही ट्रैक करने में आसानी।
- कानूनी सुरक्षा: चेकपोस्ट पर दिखाने पर कोई दिक्कत नहीं।
टैली सॉफ्टवेयर से ई-वे बिल कैसे बनाएं?
- API रजिस्ट्रेशन:
- टैली को जीएसटी पोर्टल से लिंक करने के लिए API यूजर आईडी और पासवर्ड जनरेट करें।
- ई-वे बिल जनरेट करें:
- टैली में GST वाउचर बनाते समय “E-Way Bill” का विकल्प चुनें।
- सभी डिटेल्स भरें और “Generate” पर क्लिक करें।
ई-वे बिल से जुड़े महत्वपूर्ण नियम
- कैंसिलेशन:
- ई-वे बिल को 72 घंटे के भीतर या वैधता समाप्त होने से पहले कैंसिल किया जा सकता है।
- रिजेक्शन:
- अगर खरीदार माल स्वीकार नहीं करता, तो वह ई-वे बिल को रिजेक्ट कर सकता है।
- जॉब वर्क के लिए:
- जॉब वर्क (माल को संशोधित करने) के लिए डिलीवरी चालान बनाना अनिवार्य है, भले ही मूल्य ₹50,000 से कम हो।
समस्याएँ और समाधान
- HSN कोड नहीं पता:
- गूगल पर “HSN Code for [प्रोडक्ट नाम]” सर्च करें या GST पोर्टल पर चेक करें।
- वैलिडेशन एरर:
- डिटेल्स दोबारा चेक करें और GST नंबर, HSN कोड आदि सही भरें।
- ट्रांसपोर्ट डिटेल्स नहीं:
- ट्रांसपोर्टर से वाहन नंबर और ड्राइवर का विवरण लें।

निष्कर्ष
ई-वे बिल बनाना एक सरल प्रक्रिया है, बशर्ते सभी डिटेल्स सही हों। अगर आप ₹50,000 से अधिक के माल की आवाजाही कर रहे हैं, तो यह बिल जरूर बनाएँ। कोई भी समस्या आने पर GST हेल्पलाइन (1800-1200-2323) पर संपर्क करें।
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