नमस्कार! आज हम इस ब्लॉग में पूरी तरह से समझेंगे कि GST Return Filing क्या होता है, इसमें कौन-कौन से रिटर्न होते हैं, किस रिटर्न में कौन-सी जानकारी देनी होती है, किस तारीख तक कौन-सा फॉर्म भरना होता है, और किसे मासिक (Monthly) और किसे तिमाही (Quarterly) रिटर्न भरना होता है।
इस ब्लॉग को अंत तक पढ़िए क्योंकि इसमें दी गई जानकारी आपके व्यवसाय के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है और जीएसटी से जुड़ी गलतियों से बचा सकती है।
🧾 GST पोर्टल लॉगिन कैसे करें?
सबसे पहले आपको GST पोर्टल पर लॉगिन करना होगा। अगर आपने अब तक यूज़र आईडी और पासवर्ड नहीं बनाया है तो उसके लिए आप यूट्यूब पर “GST पोर्टल पर लॉगिन कैसे करें” वाली वीडियो देख सकते हैं।
जब आप लॉगिन करते हैं, तो आपको एक डैशबोर्ड दिखाई देगा, जिसमें आपके द्वारा फाइल की जाने वाली रिटर्न और उनकी ड्यू डेट्स दिखाई देंगी।

📄 GST Return Filing कैसे शुरू करें?
- Return Dashboard पर क्लिक करें।
- Financial Year और Filing Period चुनें — जैसे मार्च की रिटर्न, तो मार्च सिलेक्ट करें।
- इसके बाद आपको सभी संबंधित रिटर्न फॉर्म दिख जाएंगे जिन्हें भरना जरूरी है।
🧾 GST Return Filing फॉर्म
✅ 1. GSTR-1
- क्या है? इसमें आप अपनी मासिक सेल्स की जानकारी देते हैं।
- कब फाइल करनी होती है? हर महीने की 11 तारीख तक।
- लेट फीस: ₹20 से ₹50 प्रति दिन तक हो सकती है।
- जरूरी नोट: यदि आपने उस महीने कोई सेल नहीं की है तब भी Nil Return फाइल करना जरूरी है।
GSTR-1 में देने वाली जानकारी:
- B2B इनवॉइस
- B2C इनवॉइस
- डेबिट/क्रेडिट नोट्स
- एक्सपोर्ट इनवॉइस
- HSN समरी आदि।
✅ 2. GSTR-2A
- क्या है? यह एक ऑटो-जेनरेटेड स्टेटमेंट है जो आपकी खरीद से संबंधित होती है।
- कहाँ से डेटा आता है? जिन सप्लायर्स से आपने खरीदारी की है, उनके द्वारा फाइल किए गए GSTR-1 से।
- यह आपको बताता है कि कौन-कौन से सप्लायर्स ने रिटर्न फाइल किया और आपके लिए इनवॉइस अपलोड किए।
✅ 3. GSTR-2B
- क्या है? GSTR-2B एक स्थिर स्टेटमेंट है जो हर महीने की 14 तारीख को अपडेट होता है।
- उपयोग: यह बताता है कि आपको कितना Input Tax Credit (ITC) क्लेम करना चाहिए।
📌 उदाहरण:
अगर आपने 15 इनवॉइस खरीदे और उनमें से सिर्फ 10 इनवॉइस GSTR-2B में दिखाई दे रहे हैं, तो इसका मतलब है कि बाकी सप्लायर्स ने अपने GSTR-1 समय पर फाइल नहीं किया। इस कारण आप अगले महीने ही उस ITC को क्लेम कर पाएंगे।
✅ 4. GSTR-3B
- क्या है? इसमें आपको मासिक रिटर्न भरनी होती है, जिसमें:
- आपकी कुल टैक्सेबल सप्लाई
- ITC क्लेम
- टैक्स पेमेंट की जानकारी देनी होती है।
- कब फाइल करनी होती है? हर महीने की 20 तारीख तक।
- महत्व: इसमें आपकी GST Liability क्लियर होती है और यह सबसे अहम रिटर्न मानी जाती है।
🧾 कंपोजिशन स्कीम टैक्सपेयर्स के लिए GST Return Filing
जो व्यापारी कंपोज़िशन स्कीम के अंतर्गत आते हैं, उन्हें:
- साल में चार बार CMP-08 फॉर्म फाइल करना होता है।
- इसमें केवल इतना बताना होता है कि आपने कितनी सेल की और उस पर 1% टैक्स देना होता है।
- इसके अलावा एक सालाना रिटर्न GSTR-4 भी फाइल करनी होती है।
📆 GST Return Filing की मुख्य तिथियाँ
रिटर्न का नाम | विवरण | फाइलिंग की तिथि |
---|---|---|
GSTR-1 | मासिक सेल्स की डिटेल | हर महीने की 11 तारीख तक |
GSTR-2A | खरीद का डेटा | ऑटो जनरेटेड |
GSTR-2B | ITC क्लेम स्टेटमेंट | हर महीने की 14 तारीख को |
GSTR-3B | टैक्स पेमेंट की डिटेल | हर महीने की 20 तारीख तक |
CMP-08 | कंपोजिशन स्कीम टैक्स | हर क्वार्टर के बाद |
GSTR-4 | कंपोजिशन स्कीम की एनुअल रिटर्न | साल में एक बार |
⚠️ लेट फीस / पेनल्टी
- Taxable Return: ₹50 प्रति दिन
- Nil Return: ₹20 प्रति दिन
लेट फाइलिंग से बचें, क्योंकि इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) पर असर पड़ता है।
❗ आवश्यक सावधानियाँ
- हर रिटर्न समय पर फाइल करें। देर करने पर न केवल लेट फीस लगेगी बल्कि आपका ITC क्लेम भी प्रभावित होगा।
- अगर आपने किसी महीने कोई कारोबार नहीं किया है तब भी आपको Nil Return फाइल करनी होती है।
- आपके सप्लायर्स को समय पर GSTR-1 फाइल करना चाहिए ताकि आप ITC क्लेम कर सकें।
🔁 मंथली से क्वार्टरली फाइलिंग में बदलाव कैसे करें?
- लॉगिन करें GST पोर्टल पर
- Services > Returns > Opt-in for Quarterly Returns पर जाएं
- अपनी टर्नओवर लिमिट के अनुसार फाइलिंग फ्रिक्वेंसी को चुनें
🧾 GSTR-1 कैसे फाइल करें?
🔐 पोर्टल में लॉगिन करें
- Financial Year और Tax Period चुनें (जैसे FY 2024-25, Feb Month)
- GSTR-1 की ड्यू डेट (11 तारीख) और GSTR-3B की (20 तारीख) ऑटो दिखाई देगी
✅ GSTR-1 फाइल करने की आवश्यकता क्यों?
यदि आपने B2B लेनदेन किए हैं, तो सामने वाली पार्टी तब ही ITC ले पाएगी जब आप GSTR-1 में वो इनवॉइस पहले से फाइल कर देंगे।
🅰️ अगर महीने में कोई सेल नहीं हुई हो (Nil Return)
- GSTR-1 के ‘File Nil Return’ चेकबॉक्स पर क्लिक करें
- ओटीपी दर्ज करें
- सबमिट करें
ध्यान दें: Nil Return भी समय पर फाइल करना अनिवार्य है।
📊 B2B इनवॉइस कैसे डालें?
- 4A, 4B, 6B, 6C – B2B Invoices सेक्शन में जाएं
- Add Record पर क्लिक करें:
- रिसीवर का GST नंबर
- इनवॉइस नंबर, तारीख, टोटल वैल्यू (GST सहित)
- टैक्सेबल वैल्यू (GST रहित)
- टैक्स रेट और टैक्स अमाउंट (ऑटो-कैलकुलेटेड)
- Save करें
यदि आपके पास बहुत अधिक (50+, 100+) इनवॉइस हैं तो ऑफलाइन टूल का उपयोग करें।
🅱️ B2C इनवॉइस कैसे डालें?
- 7 – B2C (Others) सेक्शन में जाएं
- Add Record पर क्लिक करें:
- जिस राज्य में सप्लाई की है वह राज्य चुनें
- टैक्सेबल वैल्यू और टैक्स रेट डालें
- सिस्टम IGST/CGST/SGST ऑटोमैटिक कैलकुलेट कर देगा
B2C में कस्टमर का GST नंबर नहीं होता, इसलिए राज्य के आधार पर ग्रुपिंग होती है।
💰 ₹1 लाख से अधिक की B2C इनवॉइस (Interstate)
- इनवॉइस Column 5 – Large Invoices (B2C > ₹1 लाख) में दर्ज करें
- प्रक्रिया वही है: इनवॉइस नंबर, तारीख, वैल्यू, HSN डिटेल्स
🌍 Export Invoices कैसे डालें?
- 6A – Export Invoices में दर्ज करें
- इसके लिए अलग से एक विस्तृत गाइड बनेगा
📌 HSN वाइज समरी कैसे डालें?
- HSN-wise Summary सेक्शन में जाएं
- सभी प्रकार की सप्लाई (B2B, B2C आदि) के HSN कोड डालें
- टैक्सेबल वैल्यू, CGST, SGST, IGST डालें
अलग-अलग उत्पादों के लिए अलग-अलग HSN डालना अनिवार्य है।
🧮 GSTR-1 जनरेट समरी और सबमिट करना
- सभी सेक्शन भरने के बाद ‘Generate Summary’ पर क्लिक करें
- OTP से वेरीफाई करें
- फाइनल सबमिशन करें
💻 100+ इनवॉइस एक साथ अपलोड कैसे करें? (Offline Tool से)
- GST Return Offline Tool डाउनलोड करें (GST Portal से)
- ZIP फाइल को अनजिप करें और Offline Tool ओपन करें
- GSTIN, FY, Tax Period आदि भरें
- B2B इनवॉइस के लिए CSV Template को भरें:
- GSTIN, इनवॉइस नंबर, तारीख, वैल्यू, टैक्स रेट आदि
- Import CSV फाइल और Validate करें
- JSON फाइल बनाएं और पोर्टल पर अपलोड करें
🎯 निष्कर्ष
GSTR-1 और GSTR-3B की मंथली फाइलिंग प्रक्रिया थोड़ी विस्तृत जरूर है लेकिन यदि आप इसे step-by-step तरीके से करते हैं, तो यह बेहद आसान है। समय पर फाइलिंग करके आप लेट फीस और ITC संबंधी समस्याओं से बच सकते हैं। यदि आपके पास ज़्यादा इनवॉइस हैं तो GST Offline Tool का उपयोग जरूर करें। GST Return Filing केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह व्यवसाय को सुव्यवस्थित रखने का एक कानूनी दायित्व भी है। अगर आप समय पर सभी GST Return Filing करते हैं, तो न केवल आप पेनल्टी से बच सकते हैं बल्कि आप अपने सप्लायर्स और ग्राहकों के साथ एक भरोसेमंद संबंध भी बना सकते हैं।
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